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खुशी। जानिए खुशहाल जीवन कैसे बनेगा
ईश्वरीय विश्व विद्यालय में आपका स्वागत है। ये केवल व्यख्यान ही नहीं बल्कि ये दिल से निकली आवाज है जो आप के दिल तक जाएगी, क्योंकि ये समरसता, सरलता और उदाहरण से परिपूर्ण हैI अगर आपने पूरा वीडियो एक- एक कर सभी सुन लिया तो आप के दैनिक जीवन और व्यवहार में क्रांतिकारी परिवर्तन जरूर आयेगा। आप सभी से नम्र निवेदन हैं कि ये दिल की आवाज सभी के दिल तक पहुंचने में सहयोग करे जिससे हमारा समाज एक जिम्मेदार और ब्यावहारिक बने और सभी का जीवन धन्य हो।हमारा पूर्ण विश्वास है कि इस दिल की आवाज को आप सभी के दिल तक पहुंचने में सहयोग करेंगे। 🙏आप सभी को सहयोग के लिए धन्यवाद🙏
नमस्कार दोस्तों,
आज हम बात करेंगे खुशी के बारे में, जो हर व्यक्ति का लक्ष्य होता है।
हम सभी एक ऐसा जीवन चाहते हैं जो खुशियों से भरा हो, जहां हम शांति और संतुष्टि का अनुभव कर सकें।
लेकिन खुशी क्या है? और हम कैसे एक खुशहाल जीवन जी सकते हैं? खुशी एक जटिल भावना है जिसे परिभाषित करना मुश्किल है।
यह आनंद, संतोष, कृतज्ञता और प्रेम जैसी भावनाओं का मिश्रण हो सकता है। खुशी क्षणभंगुर भी हो सकती है और जीवन भर भी रह सकती है।
खुशहाल जीवन जीने के लिए हम कई चीजें कर सकते हैं:
1. सकारात्मक सोच: अपने विचारों पर ध्यान दें। नकारात्मक विचारों को सकारात्मक विचारों से बदलने का प्रयास करें। आभारी रहें और जीवन में अच्छी चीजों पर ध्यान दें।
2. स्वस्थ जीवनशैली: पर्याप्त नींद लें, नियमित रूप से व्यायाम करें और स्वस्थ भोजन खाएं। यह आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाएगा, जिससे आप अधिक खुश महसूस करेंगे।
3. मजबूत रिश्ते: अपने परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताएं। नए लोगों से मिलें और सामाजिक रूप से सक्रिय रहें। मजबूत रिश्ते आपको खुशी और समर्थन प्रदान करते हैं।
4. दूसरों की मदद करें: अपने समय और ऊर्जा का उपयोग दूसरों की मदद करने के लिए करें। यह आपको उद्देश्य और अर्थ की भावना देगा, जिससे आपको खुशी मिलेगी।
5. अपनी रुचियों का पालन करें: ऐसी चीजें करें जो आपको पसंद हों और जिनमें आप अच्छे हों। अपने शौक और रुचियों का समय निकालें।
6. वर्तमान क्षण में जिएं: अतीत में न रहें या भविष्य के बारे में चिंता न करें। वर्तमान क्षण पर ध्यान दें और इसका आनंद लें।
7. कृतज्ञता व्यक्त करें: अपने जीवन में जो कुछ भी अच्छा है, उसके लिए कृतज्ञता व्यक्त करें। एक कृतज्ञता पत्रिका रखें या हर दिन कुछ चीजों के लिए धन्यवाद कहें।
8. क्षमा करें: खुद को और दूसरों को क्षमा करें। क्रोध और नाराजगी को पकड़कर रखने से आपको केवल दुख होगा।
9. सहायता लें: यदि आप उदास या चिंतित महसूस कर रहे हैं, तो सहायता लेने में संकोच न करें। एक चिकित्सक या परामर्शदाता आपको अपने जीवन में खुशी लाने के लिए रणनीति विकसित करने में मदद कर सकता है।
याद रखें, खुशी एक यात्रा है, गंतव्य नहीं।
रास्ते में उतार-चढ़ाव आएंगे, लेकिन आप सकारात्मक दृष्टिकोण और प्रयास करके एक खुशहाल जीवन जी सकते हैं।
यह भी याद रखें: हर व्यक्ति की खुशी अलग होती है। यह पता लगाने के लिए कि आपको क्या खुश करता है, विभिन्न चीजों का अनुभव करें।
खुशी एक स्थायी स्थिति नहीं है। यह उतार-चढ़ाव भरा होगा, लेकिन आप सकारात्मक सोच और स्वस्थ आदतों से इसे बढ़ा सकते हैं।
आपकी खुशी आपकी जिम्मेदारी है। अपनी खुशी को दूसरों पर निर्भर न करें।
**आपको क्या लगता है कि आपको खुश करता है?
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प्रतिलिपि
0:00हो गया समर्पण ईश्वर की राह
0:07पर ईश्वर भी करता अर्पण तब उसकी चाह
0:16पर सब उसकी छ
0:21पर हो गया
0:28समर्पण
0:35[संगीत]
0:53मनवाणी कर्म से जो सुख सभी
1:01[संगीत] गुरे मन माण कर से
1:11जो सुख सभी होरे थे सबके दिनों की भर भर
1:20वो तो दुवाए लेते मत
1:26दुआए लेते [संगीत]
1:42ओम शांति ओम
1:51शांति आज का हमारा विषय है
1:58खुशी और अत हम सदैव खुश कैसे
2:06रहे तो खुशी हमारा हम आत्माओं का स्वधर्म
2:12है इसलिए खुशी सबको अच्छी लगती है दुनिया में ऐसा कोई नहीं है जो सदैव
2:20खुश रहना चाहता तो खुशी भी दो तरह की होती है एक
2:28होती है ख और दूसरी होती है आंतरिक
2:35ु बाह्य खुशी अल्प समय के लिए होती है और व बाहर
2:42से प्राप्त होती जैसे किसीने कोई हास्य कविता सुना
2:49दिया किसी में लतीफे सुना दिए या किसी ने कोई ऐसी सुखद समाचार सुना
2:58दिया तो थोड़े देर के लिए खुश हो जाते है
3:04लेकिन वो खुशी अस्थाई नहीं ती और एक साथ दो
3:12प्रश्न पहला प्रश्न है कि हमको खुशी कैसे
3:19मिलेगी और दूसरा है कि हम खुशी में कैसे
3:26रहे देखने में दोनों प्रश्न एक जैसे हैं लेकिन दोनों अंतर है कैसे मिलेगी माना
3:32बाहर से मिलेगी और कैसे रहे माना अंदर में हम कैसे खुश रहे तो सदा काल की खुशी
3:41होती अब कोई कहते हैं कि भाई हमको
3:47मनचाहा चीज मिल जाए तो हम खुशी में हो जाए खुश हो जाए मनचाहा अब इसम दो बात
3:56है एक तो इस बात की कोई
4:01हमको मन चाही चीज मिल गई मिल ही जाएगी ऐसी कोई गं नहीं मिल
4:10सकती अगर मिल गई तो थोड़ी देर के लिए खुश हो
4:15ग नहीं मिली तो फिर गा और बात मन चाहे की
4:24है चाहना हमारा बदलता रहता है जैसे
4:30कोई कहते हैं कि हमको खूब बढ़िया जॉब मिल
4:37जाए बड़ी खुशी होगी आनंद आ
4:42जाएगा अच्छा ठीक है चलिए मिल गई जा खुश हो गए लेकिन कुछ दिनों के बाद चाहना
4:51बदली वो खुशी गए अब चाहना आगे की हमको खूब बढ़िया सुंदर
4:58पत्नी मिल जाए सुग सुल पत्नी मिल जाए बड़ी खुशी चलिए वो भी मिल
5:07गई कुछ दिनों के बाद पुन चाहना बदली अब कोई बढ़िया सा सबूत बच्चा हमको
5:16मिल जाए बच्चा पैदा हो जाए अरे बड़ी खुशी हो जाएगी और लोग खुशिया मनाते भी है बाजे
5:23गाजे प जाते हैं मिठाईया बांटते हैं चलिए वो भी हो गया बच्चा मिल गया बेटा
5:32अब हमको मिलता जा रहा है थोड़ी देर के लिए खुशी भी आती है लेकिन पुन जब चाहत बदलती
5:41है तो खुशी यब हो जाती है अ अ खूब बढ़िया बंगला मिल जाए गाड़ी मिल जाए
5:49सारे संसाधन मिल जाए य मिल जाए मिल जाए चाना तो रुकती नहीं और उसी तरह से हमारी
5:57खुशी भी नहीं रुकती चाहना
6:02बदली दुनिया में लिस्ट निकलती है टॉप 10 किसका धनि को
6:09का दुनिया में सबसे धनी 10 लो कौन है उसका लिस्ट निकलता
6:14है लेकिन दुनिया में सभी सुखी या सबसे ज्यादा खुश कौन है इसकी कोई लिस्ट नहीं
6:24कारण उसका कोई मापने का पैमाना ही नहीं है क्योंकि ी अंदर में होती है भल बाहर दिखाई
6:32देती है लेकिन कौन कितना खुश है यह कैसे पता चलेगा इसलिए कोई लिस्ट नहीं
6:39निकलती और धनिक लोगों का भी जो लिस्ट निकलता है उनको खुशी नहीं रहती
6:47कारण जो फर्स्ट नंबर पर है वो इसलिए परेशान है कि हमारा नंबर एक बना रहे इसमें
6:55परेशान है तो खुशी कहां से आएगी द नंबर पर है व इस कोशिश में हम एक नंबर
7:02पर चले उसम परेशान है खु कहा से आए खुश तो वो है जो लिस्ट में है ही नहीं
7:12जो है जैसा है ठीक है उसको ना एक नंबर में जाने की चिंता और द से ऊपर उठने की चिंता
7:21वो खुश है क्योंकि वो मध्यम बर्ग है तो इस तरह से य
7:28खुशी हमारी आती जाती अब प्रश्न ये
7:35है कि हमारी खुशी अस्थाई कैसे
7:41रहे कई लोग कहते हैं भाई क्या करें हमारी खुशी गुम हो कहा गुम होई
7:48भाई अब प्रश्न की खुशी किसी की गुम हो जाती है किसी की नती
7:55हो जाती है किसी की चोरी हो जाती है कैसे होता
8:01है तो जैसे स्थूल धन किसी के पास है तो किसी का गुन हो जाता
8:09है किसी की नती हो जाती है किसी की चोरी हो जाती है व परेशान है ु कहा से रहे अब
8:17प्रश्न है थूल न भाई यह सूक्ष्म जो खुशी है इसकी य तीन स्थिति कैसे
8:26आती तो उसके लिए पहला खुशी गुम ठीक स्थूल धन से मैच करता हुआ
8:33है तो जब हम दुनियाई चका चौध में खो जाते
8:39हैं तो खुशी हमारी गुम हो जाती है धन भी कैसे गुम होता
8:45है हम अलबेला हो जाते हैं क ध्यान दूसरी जगह चला जाता है इधर ची ठीक वही चीज है जब
8:55हम होख गए दुनिया वि का चन में उसी हमारी
9:00तो उस लिए क्या करें दुनियावी चकाच से दूरी बना के रखी
9:06अलट रहे हमारे नहीं दूसरा खुशी की ती कैसे होती
9:14है तो जैसे मान लीजिए की सब एक जगह इकट्ठे
9:19है खुशनुमा माहौल है सब खुश रहे मुस्कुरा रहे हैं बना रहे तभी कोई ऐसा आदमी आ जाता
9:28है जो ऐसी बात बोल देगा या ऐसा काम कर
9:34देगा सबकी खुशी चली जाएगी आया अपना काम किया चले गए साथ साथ
9:43सबकी खुशिया ले गया तो क्या करें ऐसे निमित व्यक्ति जो
9:49हमारी खुशियों को छीनने का काम करते हैं उनसे दूरी बना के ना उनके नजदीक जाए ना
9:57उनको नजदीक आने दे तो हमारी खुशी छीने गी नहीं और
10:03तीसरा हमारी खुशी चोरी कैसे होती है अब देखिए जैसे स्थूल धन में
10:12चोर कई रूप बना के आते हैं आपका अपना बन कर आते हैं आपके नजदीक
10:18आते हैं और मौका मिलते ही सारा माल गायब कर देते हैं ठीक उसी तरह से ये माया और
10:27रावण अर्थात द विकार वो रूप बदल के हमारे पास आते हैं हमको पहचान नहीं
10:35रहती ये कुछ हमारा चुराने आया है जब हम उसके प्रभाव में आ जाते हैं तो
10:43हमारी खुशी चरी चोरी हो जाती है चोरी करके चला जाता है और हम उदास दुखी हो जाते
10:50हैं अब प्रश्न यह है कि जो हमारी आंतरिक खुशी
10:58है वो कैसे बरकरार रहे गुम ना हो नती ना हो चोरी ना हो हमारे
11:05पास सदैव रहे इसके लिए हमको क्या करना चाहिए मुख्य
11:11विषय हमारा यही है तो अब इसके लिए पहले हमको कारण को
11:21जानना पड़ेगा और उसका निवारण य दोनों साथ साथ चलेंगे कारण और
11:28निवारण तो मुख्य रूप से पहला
11:34है जो है जैसा है उसमें संतुष्ट
11:39रहे दूसरा है वर्तमान में जीना सीखे तीसरा है ना प्रतिक्रिया करें ना
11:48प्रतिक्रियाओं के प्रभाव में आए और चौथा है सोच पॉजिटिव अर्थात
11:56सकारात्मक इन चार बिंदुओ पर हम चर्चा करेंगे तो हमारी खुशी सदैव बनी
12:07रहेगी देखिए यह समय परिवर्तनशील
12:13है वक्त बदलने में वक्त को वक्त नहीं लगता कभी भी कुछ भी हो
12:20सकता तो पहला हम पॉइंट लेंगे संतुष्ट आमतौर पर लोग धन के
12:30कहते हैं कि संतोषी बनना चाहिए इसलिए कहा कबीर दास ने की गोधन गन
12:37बाज धन और रतन धन खान जबा संतोष सब धन य
12:43धन के विषय में ठीक है व भी है लेकिन सद खुश रहने के लिए हम अपनी स्थिति से
12:53संतुष्ट स्थिति माना जो है जैसा है उसम ही
12:58हम रहे तो हमारी खुशी गायब नहीं हो
13:04कुछ कम संसाधन में या कम धन में संतुष्ट
13:09रहते ल रते खुश रहते मस्त रहते हैं व्यस्त रहते लेकिन कुछ ऐसे भी लोग होते हैं जो
13:18संपन्नता में भी असंतुष्ट रहते हैं व खछ
13:23नहीं जैसे एक होटल के
13:30मालिक उनका होटल पहाड़ी पर था टूरिस्ट प्लेस पर
13:35था तो वहां टूरिस्ट आते रहते थे उनका होटल सदैव फुल रहता था अच्छा चल रहा था
13:43बिजनेस एक बार उनके करीबी दोस्त ने सोचा कि हमारे दोस्त का होटल है ही चलिए हम भी
13:50थोड़ा सा ूर कर ले प्रोग्राम बनाया पहुंच गए पहुंच गए तो दोस्त से मिले कहे कि भैया
13:57क्या हाल है कैसा है क्या बड़ी मंदी
14:03च मंदी चल रही है अरे भाई तुम्हारा होटल तो हास है एक भी कमरा खाली नहीं अभी अभी
14:1150 ग्राहक वापस चले ग तुम क मंद का यही
14:17तो कल तक स ग्राहक वापस जाते थे आजही
14:24ब अब बता जिनका ऐसी सोच होगा विचार होगा वो कभी खुश रह सक कोई प्रश्न ही नहीं है
14:32संपन्न है तो खुश नहीं है तो ऐसा नहीं होना चाहिए जो है जितना है
14:40उतने ही में हम संतुष्ट रहे यह है वास्तविक संतुष्ट अब संतुष्ट भी दो प्रकार की दो
14:51प्रकार एक है आत्म दुष्टि और दूसरा है आत्म विमता
15:00अब ये क्या है आत्म तुष्टि और आत्म विमता इसको हम समझने के लिए उदाहरण के सहित
15:07समझेंगे अगर आत्म तुष्टि है तो हम सदैव खुशहाल रहे ये क्या है आत्म
15:15तुष्टि हम जैसे भी है उसी में अगर संतुष्ट है किसी दूसरे के
15:23प्रभाव में नहीं है ये है आत्म तुष्टि की स्थिति और हम सद खुश रहेंगे बने रहेंगे सदा
15:30दूसरा है आत्म
15:40विमुक्ताए हो जाती है
15:46जैसे मान लीजिए कि आपने बड़े शौक से बढ़िया मकान बनाया बड़ी खुशी अपना मकान हो
15:54गया भा बढ़िया बनवा तब तक किसीने आकर क दिया ये मकान
15:59बनवाए है अरे ये तो गड़बड़ कर दिया ये खिड़की यहां होना चाहिए ये ऐसे होना चाहिए
16:06वो ऐसे होना चाहिए आपने सब क गड़बड़ कर दि अ प्रभावित हो गए उसकी बातो में सोचने लगे
16:14इतना धन खर्चा किया मेहनत किया तो गड़बड़ हो गया भाई जो आप खुश थे खुशी गायब हो
16:22गया ये है आत्म विमुक्त की स्थिति आप उसके प्रभाव में आ गए मान जी कि आप मनपसंद खूब बढ़िया गाड़ी
16:31लाए अच्छा जो आप पसंद करते हैं बहुत दिन सोचे थे कि ऐसी ही गाड़ी हम लेंगे गाड़ी
16:36लेकर आपने खड़ा कर दिया बड़ी खुशी ई गाड़ी मिल गई भाया तब कोई आया कहा कि अरे यही ड़ी है
16:43अरे इसमें तो ये कमिया चार कमिया गिना देगा आप सोचेंगे कि अरे भाई हम ठगा गए
16:52क्या आपकी खुशी गाब क्योंकि आप दूसरे के प्रभाव में आ गए
16:58हैं तो खुशी कैसे रहेगी ऐसी स्थिति में हम आत्म तुष्ट
17:06अवस्था में रहेता में ना जाए किसी के प्रभाव में जो
17:11है जैसा हमने पसंद किया हमने किया हमारा किया हुआ है हम दूसरे के प्रभाव में आकर
17:17अपनी खुशी क्यों गवाए अब दूसरी बात जैसे आमतौर
17:27पर मता भ कहेंगे महिलाए क क्योंकि हमारी माताए बने बनों के गुण नहीं इसलिए हम
17:34कहेंगे महिलाए अधिकतर जो उनके पास
17:41है उससे ज्यादा खुश नहीं रहती जब दूसरा उनकी प्रशंसा करता है जितना खुश
17:50रहता जैसे मेकअप कर सकड़ हजार रुपए खर्च करती
17:56क्यों करते है मेकप भाई लोग हमको देखेंगे देखेंगे तो खुशी मिलेगी अरे मैं बहुत
18:02सुंदर देखिए कितने लोग देख रहे हैं अगर किसी ने उनकी तरफ नहीं देखा कुसी
18:10अरे भाई हमने इतना खर्चा किया इतनी साड़ी मैचिंग की साड़ी मैचिंग चला हुआ है उसी
18:17कलर का सेंटल साड़ी ब्लाउज बिंदी लिपस्टिक भी उसी कलर का मैचिंग अरे किको दिखाई नहीं
18:24भाई खुसी गायब हो गई एक महिला
18:29थ वो जप करती थी नौकरी करती थी किसी ऑफिस में तो रोजाना होता था वो सुबह तैयार हो
18:37जाती थी तैयार का मतलब आप लोग समझ ही रहे हैं और वो बस से जाती
18:44थी अपनी गाड़ी थी लेकिन बस से जाती थी एक
18:50दिन उनके पति ने कहा कि रे भाई जब अपनी गाड़ी मौजूद है ड्राइवर भी है तो तुम बस प
18:56क्यों जाती हो अपनी गाड़ी से जा करो आराम से हम भी कमाते है तुम भी कमाते हो कोई
19:02कमी है बस में धके खाते जाते हो तब उन्होने कहा कि आप है मूर्ख एकदम मूर्ख है
19:08आप आप जैसे मूर्ख मैं नहीं हूं इस मख क्या बात है भाई तो बात यह है कि जब अपनी गाड़ी
19:16में जाऊंगी कौन मुझे देखेगा अरे बस में जाती हो तो प लोग देखते हैं तब ना हमारी
19:23संर की सार्थकता है अब गाड़ी में बै चली गई किसीने देखा नहीं हमने दो घंटा मेहनत
19:29किया मेकअप करने में अच्छे से हमने साड़ी पहने और कोई देखा ही
19:35नहीं तो ये क्या हुआ हम दूसरों पर निर्भर हो जाते हैं कि
19:41हमारी खुशी रहेगी नहीं रहेगी इस तरह से एक महिला थी उन्होने 5000 की साड़ी खी मुझे
19:49नहीं मालूम 000 साड़ी कैसी होती है कभी देखा नहीं है सुना है भाई होती है अब तो आज सुने 50 की साड़ी हो रही है होती होगी
19:57कोई बात उससे नहीं वो महिला बड़ी खुश थी पा की साड़ी
20:02खरीदी जाना था पार्टी में शादी थी रिश्तेदारी में बहुत खुश
20:08थ साड़ी कौन पहने इतना बढ़िया खुश थी तैयार हो गई फंक्शन में संजू किसीने
20:17उनकी तरफ देखा ही नहीं किसीने प्रशंसा ही नहीं जबक वो सोच कर गई थी जाएंगे पार्टी
20:23में तो सबकी दृष्टि हमारी तरफ ही होगी लोग प्रशंसा करेंगे खुशी और बढ़ेगी
20:28नहीं भा तब उन्होने क्या किया दूसरी महिला से कहा की ब जीी आपकी साड़ी बड़ी अच्छी
20:36है ने अरे हमसे ज्यादा तो आपकी साड़ी अच्छी है बढ़
20:44गई तो यह प्रशंसा की बात य दूसरे पर हम डिपेंड हो जाते हैं तो हमारी खुशी रहती है
20:52हो ऐसी स्थिति दूसरा वर्तमान में जीना
21:00सीखें हम अतीत के बोझ को लेकर चलते हैं और
21:05भविष्य की चिंता इन दोनों को हम लेकर चलते तो हमारी खुशी गायब हो जाती है अतीत जो
21:12व्यतीत हो चुका है उसके बारे में हम बोझ क्यों ले भाई फलाने ऐसा कहा उन्होने ऐसा कहा उन्होने
21:20हमारा अपमान किया उन्होने ये किया ये अतीत का बोझ हम क्यों लेकर
21:25चले अतीत से हम शिक्षा ले सीखे आगे बढ़ जाए बात
21:31खतम जैसे एक सफलतम व्यापारी थे बिजनेस उनका
21:39बहुत अच्छा था एक युवक ने पूछा कि भाई साहब आप सफल व्यापारी है इसका राज क्या है
21:46हम थोड़ बताइए उन्होने कहा कि देखिए हमारे सफल
21:51होने का कारण है सही निर्णय कहा कि सही निर्णय कैसे मिलता है
22:00अनुभव के आधार पर तो पूछा की अनुभव कैसे होता है तो गलत निर्णय के आधार
22:07पर गलत नि के आधार पर क्या कर हम समझ नहीं
22:12पाते जब कोई हमसे गलती हो जाती तो पहले मैं उसकी समीक्षा करता हूं और य निश्चय
22:21करता हूं कि ऐसी गलती दोबारा नहीं होगी तो उस अनुभव के आधार पर मिल जाता है
22:28सफल हो गया तो अतीत को व्यतीत हो चुका उसके विषय का हम बोझ
22:37लेकर ना चले उसे शिक्षा ले आगे बढ़े हमारी खुशी बनी रहे दूसरा भविष्य की
22:46चिंता हम भविष्य की बहुत चिंता करते क्या होगा कैसे होगा ठीक है भविष्य के बारे में
22:54प्लानिंग बनाइए इसम कोई बुराई नहीं प् बना की ठीक है लेकिन उसके चिंता में हम ना गस
23:03क्योंकि अगर चिंतित हो गए तो खुशी तोब हो जाएगी
23:08जैसे एक महिला थी गई मंदिर में दर्शन
23:14कर दर्शन किया प्रणाम किया पुजारी जी मिल गए पंडित जी को भी प्रणाम किया कहा पंडित
23:21जी हमको बत बढ़िया आवाद समस्या बड़ी विकट है
23:29ने कहा कि भाई बढ़िया से माना आशीर्वाद बढ़िया से नहीं दिया जाता है आपकी समस्या
23:34क्या है तो कहे की हमारी समस्या यह है कि हमको डर है कि भविष्य में हमारा बच्चा
23:41बिगड़ ना जाए आजकल माहौल बड़ा खराब चल रहा आप ऐसा आशीर्वाद दीजिए की हमारा बच्चा
23:49बिगड़ने ना पा उने बच्चा है पंडित तो दो महीने का पेट
23:57में बच्चे ने जन्म नहीं लिया उनको चिंता है भविष्य की की बिगड़ने ना पाए ऐसी व्यर्थ की चिंता लेकर के हम अपनी
24:05खुशी गायब कर देते हैं क्यों क्योंकि परमात्मा पर हमको भरोसा नहीं है परमात्मा
24:13इतनी बड़ी सृष्टि का संचालन कर रहे हैं सबका देखरेख कर रहे हैं इसी से सिद्ध होता है कि बच्चा भी
24:22जन्म नहीं लेता उसके पहले उसके भोजन की व्यवस्था परमात्मा कर उसकी मां के स्तन
24:29में अख दूध का भंडार देते पियो कितना पियो इसके बावजूद हम भविष की चिंता करते
24:38हैं तो ये भ की चिंता तो क्या करें वर्तमान में जो वर्तमान है वही हमारा है
24:46अगर उसी में हम अच्छे से जीना आरंभ कर दे सीख जाए तो
24:51फिर अतीत का बोझ और भविष्य की चिंता रहेगी
24:56और जब वर्तमान हमारा होगा तो भविष्य ठीक ही होगा इसकी
25:02गारंटी इसलिए वर्तमान को हम ठीक रहे तो भविष्य भी सुधर जाएगा और अतीत तीत होही
25:09गया उसकी को बात भूत हो गया भत की बात अब देखिए यह दुनिया
25:16है इस दुनिया में सभी
25:22लोग सुख के साथी होते दुख का साथी कोई
25:27नहीं इसलिए कहते है कि सुख के सब साथी दुख
25:33में ना कोई इसका प्रमाण और बारात में जो गए होंगे
25:40व तो मान में होगा जो नहीं गए होंगे वो देखे होंगे ना बारात बारात में क्या होता
25:46है बारात दूल्हा पीछे होता है बाराती लोग आगे आगे
25:54क्योंकि य सुख का समय होता है खुशी का माहौल होता है तो बराती आ आ दला पीछे पछ
26:00अर्थ भी निकलती है जो नहीं गए होंगे देखे होंगे उसम क्या होता है अर्थी आगे आगे और
26:08लोग पीछे पीछे रहते अर्थात जब सुख का समय था तो लोग आगे थे और जब दुख का समया लोग
26:17पीछे हो गए यह है समय का तकाजा य है इसलिए वर्तमान
26:26में हम दूसरो को अपने साथ ना जोड़े हम दुखी कब हो जाते हैं सुख कब हो
26:34जाता है हम दूसरे को अपने साथ जोड़ लेते जैसे हर माता पिता यह चाहते हैं कि हमारा
26:43बच्चा होनहार हो पढ़ अच्छे मार्क्स ला एक बार एक लड़का का रि
26:50निकला उसके पिताजी ने पूछा की बेटा कितने मार्क्स
26:56आए पर अच्छा हास्ट कितना है ही है मैंने किया पिताजी ु हो हो बेटा
27:06तो ब अगले साल उसी बच्चे के 9 पर
27:12मार्क पिता ने पूछा हा कितना है बेटा क पिता एक लड़के का हमसे नबर ज्यादा हु
27:20पिताजी खु जबक पिछले के अपेक्षा 5 पर मार् उसके
27:26अधिक थे फिर भी वो खुश नहीं क्यों उने कंपेरिजन कर दिया जोड़
27:32दिया खुश तो ना पछ साल ही था साल 9 हो गया
27:37खुशी चाहि लेकिन नहीं जोड़ा हम दूसरे से अपना कंपेरिजन करके अपनी खुशी स्वय यब कर
27:44लेते अरे जो हमारा है हमारा है दसरे का है खूब बढ़िया गाड़ी हमारे पास है मौजूद
27:52है लेकिन पड़ोसी ने उसे अच्छा गाड़ी लाकर ड़ हमा
27:58समझ बढिया ल क्यों भाई उसकी गाड़ी उसके काम आएगी आपकी गाड़ी आपके काम आएगी जब
28:07उसकी गाड़ी आपके काम आनी ही नहीं है फिर कंपेरिजन क्यों क्यों जोड़ते हैं हम दूसरे
28:12से अपने आप इसलिए वर्तमान में जीना
28:18सीख तीसरा है प्रतिक्रिया ना तो करें और ना उसके प्रभाव में आ ये प्रतिक्रिया बड़ी
28:27घातक खु गायब कर
28:33जैसे आमतौर पर पहले के जमाने में अब इधर
28:39का हमको नहीं मालूम जब शादी होती थी और शादी संपन्न हो जाती थी तो दूल्हा आंगन
28:46में जाता था टोले मोहल्ले की सारी महिलाए इकट्ठी
28:51होती थी दूहा देखने के लिए द देखने जा र दने जा र
28:57हो देती थ देती थी ना हो सकता है आज भी चल रहा हो परंपरा
29:04माल तो मान लीजिए की दुहा गया सारी महिलाए इकट्ठी है तो कमेंट तो करेंगी महिलाए जरूर
29:11आदत होती अगर मान दहा हसमुख है मुस्कुरा रहा
29:17है खुश है कमेंट आएगा कोई कह द य दला दला
29:23कर रहा है अरे ऐसा दला होता है
29:30दूसरी तरफ अगर दहा गंभीर है तब भी कमेंट आएगा दला है मा की तर मु ल
29:38चेहरे पर न नहीं क दला है इसलिए कहा कि कुछ तो लोग
29:48कहेंगे लोगों का काम है कहना वो कहेंगे आप
29:54कुछ भी कर लीजिए कहेंगे हम उनके प्रभाव आए इसकी संभाल करनी है तो हमारी खुशी य
30:03नहीं जैसे एक बार बाप बेटे थे उनके पास एक
30:10घोड़ा था मेला में बेचने के लिए निकले घर से ऐसे जा रहे थे दोन एक गाव में
30:19पहुंचे देखि घोड़ा रहते हुए पैदल जा
30:26रहे ने कहा पिताजी बड़ी शिकायत हो रही है आप घोड़े बैठ जाइए मैं चल रहा
30:33हूं पिता ने कहा ठीक है घोड़े बैठ गया दूसरे गाव
30:39पहु घोर क पिता घोड़े पर बैठ है और बच्चे को पैदल
30:46ले जा रहा एकम देख बच्चे ने कहा पिताजी अभी भी शिकायत हो
30:54रही तो कहा कि तुम भी आओ तुम भी बैठ जाओ
31:00तो तीसरे गांव में पहुचे लोगों ने देखा देख सब आदमी है कसाई
31:07है घोड़ पर दो बैठे हुए है कितने कसाई
31:14नहीं तो कुछ तो लोग कहेंगे लोगों का काम है कहना हमें अपने उनकी प्रतिक्रिया से
31:21बचाना है तो हमारी खुशी गायब नहीं हो स कमेंट आएंगे जरूर आएंगे हम कुछ भी कर ले
31:30शिकायत करने वाले शिकायत ही करेंगे प्रशंसा करने वाले प्रशंसा ही करेंगे चाहे
31:36परिस्थिति स्थिति कोई भी हो सब नहीं होकी आदत होती है शिकायत कर और किसी की आ प्र
31:44करते शिकायत नहीं कर जो कमी को देखते हैं व शिकायत करेंगे जो अच्छा देखते हैं
31:51प्रशंसा करेंगे तो हमें ना तो प्रतिक्रिया करनी है किसी की कमी कमजोरी देखना है और
31:59नहीं कोई प्रतिक्रिया करता है तो उसे हमको प्रभावित होनी है खुशी हमारी बनी रहेगी
32:05बरकरार रहे तीन हो गया हो गया चौथा
32:12है सोच को पॉजिटिव रख सकारात्मक
32:19सोच अगर मान लीजिए कि हम संपन्न है अच्छे दिन है तो
32:28कर अगर बुरे दिन है तो गीला ना कर क्योंकि परिवर्तन होता रता है कभी अच्छे दिन आएंगे
32:36कभी बुरे आएंगे एक समान
32:41रहे बीमारी आती है आएगी
32:47उसका हम इलाज करें उसको ठीक होने की वाला काम
32:55करें लेकिन उसम हमारी खुशी गायब हो क्योंकि शरीर बीमार है मन तो बीमार नहीं
33:03आत्मा तो बीमार नहीं और खुशी मन का विषय है शरीर का विषय नहीं
33:09है खुशी मन से होता है हमारा स्वधर्म है खुशी तो बीमार भी है तो अपनी व्यवस्था
33:16करें दवा ले डॉक्टर के पास जाए ठीक है लेकिन हमारी खुशी ज्ञानी का यही पहचान है
33:23व विमत परिस्थिति में भी
33:28स्थि रहते हैं ज्ञानी की पहचान
33:35कोई अब देखिए जैसे हमारी सा मन सदा हसते र
33:45ु हमेशा रानी बन है तकलीफ में परेशान है
33:50फिर भी ठीक है कोई दिक्कत नहीं तो क्या इन लोगों के पास परिस्थिति नहीं आती
33:56परिस्थितियां सबके साथ है सबके पास आएंगी लेकिन परिस्थितियों में जो स्व स्थिति को
34:03बनाए रखता है खुशाल रता है और जो घबरा जाता है व उदास हो जाता है स्व स्थिति में
34:12हम रहे पर स्थिति काम है आना जाना आएंगी जाएंगी हम अपनी स्व स्थिति को खराब करे
34:19भाई तो इस तरह से सोच पॉजिटिव जैसे सब जानते हैं कि आधे गिलास
34:27पानी को भरा हुआ सब जानते लेकिन प्रैक्टिकल में जब पढ़ता है तो बात भूल
34:32जाती है जैसे एक माता थी उनका लड़का 18 साल का हो
34:40गया था जन्म सेही उसकी कमर के नीचे का हिसा काम नहीं करता
34:45था ऊपर का हिसा ठीक था अब उसके दैनिक क्रिया के लिए माता को
34:51तो सहयोग करना पड़ता एक बहन ने कहा कि बहन जी आपका बच्ची
34:56की स्थिति ऐसी है आप तो बड़ी परेशान रहती होंगी कहा कि नहीं मैं बहुत खुश हूं और
35:04परमात्मा को मैं धन्यवाद करती हूं कि हे प्रभु आपने कमर से ऊपर का हिस्सा तो ठीक
35:12रखा भोजन अपने से कर लेता है हमसे अच्छी तरह से हंसकर बातें करता
35:19है अपने से स्नान कर लेता है ब्रस कर लेता है यह काम तो अपने से कर लेता है इसलिए
35:25मैं प्रभु का कृतज्ञ हूं कि हमारे बच्चा की स्थिति ठीक है खराब है कुछ तो अच्छा
35:34है सकारात्मक हमेशा रखे एक
35:42बार एक पति पत्नी थ दो बच्चा नहीं था उनके घर से सदैव हसने खिल खिलाने की
35:50आवाज आती कभी लड़ाई झगड़ा किसीने सुना ही नहीं लई ड़ा भी होता है हमेशा ह आवा आती पोसी
36:00परेशान क्योंकि भाई क्या करते हैं हसते रहते हम लोग तीसरे दिन लड़ाई हो जाती है
36:07किसी किसी बात को लेकर बड़े परेशान थे पड़ोसी एक दिन नहीं रहा गया तो एक पड़ोसी
36:13ने पूछा ही लिया भाई साहब आपके घर से सदैव हसने की आवाज आती है राज क्या है क देखिए
36:20राज कुछ नहीं है असल में हमारी पत्नी बड़ी गुसल है व बात बात पर गुस्सा करती क रे
36:28भाईल पत्नी है इसम हसने की क्या बात है तो कहा इसम हसने की बात ये है जब भी
36:36उसको गुसा आता है कोई ना कोई चीज फ हमको है मारने के लिए अगर निशाना सही लग
36:43जाता है तो व हसती है और निशाना चुक जाता है तो हम हसते
36:48हैं इसलिए हम दोन लोग हसते रहते हैं जीवन खेल की तरह है इसको जैसे हम गुजारे जैसे
36:57चलाए वो हमको उतना ही आनंद देगा और हमें खुशि भी
37:03[संगीत] देगा हम कभी कभी कोई घटना घट जाती
37:10है तो जिनको परमात्मा पर विश्वास कम होता है निश्चय नहीं होता वो दुखी अशांत हो
37:18जाते हैं क्योंकि परमात्मा हम सबके माता पिता पहले हैं बाकी और संबंध सारे संबंध है वो
37:27ठीक है माता पिता और माता पिता अपने बच्चों की पालना अच्छे सेही करेंगे ऐसा काम जानते भर
37:35में नहीं होने देंगे कि हमारे बच्चे को कोई दुख तकलीफ एक बार एक खिलाड़ी बहुत
37:41अच्छे खिलाड़ी वो मैच में जीत गए उनको अवार्ड मिलना था बंगलोर में जाना था
37:48अवार्ड लेने के लिए प्लेन का टिकट मिल चुका था दिन निश्चित हो चुका था
37:55बड़े खुश अरे हमको मिले हमको सबसे कते रे हम जा रहे तारी को प्लेन से अवाड लेना
38:02सबसे कते बड़ी खुश संजोग देखि समय का चक्र चला और जिस
38:09दिन जाना था उसके एक दिन पहले उनका एक्सीडेंट हो गया पैर टूट गया अस्पताल में
38:14भती हो दुखी हो गए खुशी गायब हो गई उन्होने
38:20बार बार परमात्मा से कहा हे प्रभु अरे आपको हमारा पैर ही तोड़ना था तो एक दिन
38:28बाद तोड़ते अवाड लेकर आते तो तोड़ दे पहले ही आपने तोड़ दिया अब मैं कैसे जाऊंगा
38:34अवाड कैसे मिलेगा हम खुश दूसरे दिन शाम को रेडियो से समाचार
38:43मिला कि जिस प्लेन से व जाने वाले थे व प्लेन क्रश हो गया है और सारे यात्री
38:51मारे अब ये परमात्मा से लगे माफी मांगने हे प्रभु गलती हो गई माफ की
38:58हमने आपको महिमा को नहीं सोचा अगर आप हमारे पैर नहीं टूटा होता तो हम जरूर गए
39:04होते और उस लिस्ट में हमारा भी नाम होता कम से कम बच गए पैर तो फिर भी ठीक हो
39:10जाएगा खेल पाए ना खेल पाए अलग बात है लेकिन जान त बचा
39:17दिया य सकारात्मक सोच अगर हमारी है तो हमारी खुशी कभी गायब नहीं हो
39:26सकती कहा कि
39:31जो हमने चाहा वो मिल गया वो किस्मत नहीं
39:38मिला वो बदकिस्मती है और जो मिला उसी को हमने प्रेम से चाह लिया यह हमारी खुश
39:47किस्मती है यह हमारी खुश किस्मती है ओम
39:56 ॐ शांति
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