परमात्मा का अवतरण: कब, कैसे और क्या? (ओ.पी. तिवारी)
नमस्कार दोस्तों!
आज हम बात करेंगे परमात्मा के अवतरण के बारे में, जो एक ऐसा विषय है जिस पर सदियों से बहस होती रही है।
धार्मिक ग्रंथों में परमात्मा के अवतारों का उल्लेख मिलता है, लेकिन यह अवतार कब, कैसे और क्यों होते हैं, यह एक रहस्य बना हुआ है।
इस ब्लॉग में, हम इन प्रश्नों का उत्तर देने का प्रयास करेंगे:
परमात्मा का अवतार क्या है?
परमात्मा का अवतार पृथ्वी पर आने के लिए उसका भौतिक रूप धारण करना है।
यह अवतार मानव, पशु या अन्य किसी भी रूप में हो सकता है।
परमात्मा कब अवतार लेता है?
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, परमात्मा तब अवतार लेता है जब पृथ्वी पर अधर्म का बोलबाला होता है और मानवता पाप में डूबी होती है।
तब परमात्मा धरती पर आकर अधर्म का नाश करता है और धर्म की स्थापना करता है।
परमात्मा कैसे अवतार लेता है?
परमात्मा अपनी इच्छा से किसी भी रूप में अवतार ले सकता है।
वह कभी देवता के रूप में, कभी राजा के रूप में, कभी संत के रूप में, और कभी साधारण व्यक्ति के रूप में भी अवतार ले सकता है।
परमात्मा अवतार क्यों लेता है?
परमात्मा अवतार कई कारणों से लेता है।
- धर्म की स्थापना करना: जब पृथ्वी पर अधर्म का बोलबाला होता है, तो परमात्मा अवतार लेकर धर्म की स्थापना करता है।
- भक्तों की रक्षा करना: परमात्मा अपने भक्तों की रक्षा करने के लिए भी अवतार लेता है।
- अधर्म का नाश करना: परमात्मा अधर्म का नाश करने और पृथ्वी पर शांति स्थापित करने के लिए भी अवतार लेता है।
- ज्ञान का प्रचार करना: परमात्मा ज्ञान का प्रचार करने और मानवता को मोक्ष का मार्ग दिखाने के लिए भी अवतार ले सकता है।
ओ.पी. तिवारी जी के विचार:
ओ.पी. तिवारी जी का मानना है कि परमात्मा का अवतार एक आध्यात्मिक अनुभव है।
उनके अनुसार, जब हम परमात्मा के अवतारों की कथाओं को सुनते हैं या उनकी पूजा करते हैं, तो हम परमात्मा के साथ जुड़ जाते हैं और आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त करते हैं।
निष्कर्ष:
परमात्मा का अवतार एक रहस्य है जिसे हम पूरी तरह से समझ नहीं सकते।
लेकिन धार्मिक ग्रंथों और ओ.पी. तिवारी जी जैसे विद्वानों के विचारों से हमें इस विषय के बारे में कुछ जानकारी प्राप्त होती है।
यह भी याद रखें:
- परमात्मा सर्वव्यापी और सर्वशक्तिमान है। वह कहीं भी, कभी भी, किसी भी रूप में अवतार ले सकता है।
- परमात्मा का अवतार हमारी आस्था और विश्वास को मजबूत करता है। यह हमें सिखाता है कि अच्छाई पर बुराई की हमेशा जीत होती है।
आशा है कि यह ब्लॉग आपको परमात्मा के अवतार के बारे में जानने में मदद करेगा।
शुभकामनाएं!
अतिरिक्त टिप्पणियाँ:
- परमात्मा के अवतारों के बारे में अनेक धार्मिक ग्रंथों में उल्लेख मिलता है। आप इन ग्रंथों को पढ़कर इस विषय के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
अधिक जानकारी के लिए आप हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें और सुने यहां क्लिक करें
https://youtu.be/uY29LGrI9-c?si=0Z-KZapbIh5VzMMn
प्रतिलिपि
Transcript
0:41बाबा मेरे साथ है
0:49बाबा मेरे साथ है
0:54हाथों में उसके हाथ [संगीत]
0:59ना रहे
1:15प्यार की साथ है
1:21[संगीत]
1:26बाबा मेरे [संगीत]
1:42साथ
1:53होंठों में कोई प्यारे बाबा ने आकर
2:07हमें कोई प्यारे बाबा ने
2:14[संगीत]
2:21दिल
2:32तेरी ना
2:38इनों का पता दिन रात है
2:49[संगीत]
3:12ओम शांति [संगीत]
3:20ओम शांति
3:32आज का हमारा विषय है
3:39परमात्मा का अवतरण कम और कैसे होता है
3:48तो दुनिया में विद्यार्थी लोग इस बात को मानते हैं
3:56की परमात्मा इस धरती पर ऑडिट होते हैं
4:03कुछ लोग यह मानते हैं की परमात्मा देवताओं के रूप में अवतरित होते
4:11हैं अवतार के बारे में लोगों ने बताया है
4:19लेकिन यह सारी बातें सिर्फ एक बात से खंडित हो जाती है
4:26की अगर परमात्मा तो एक घर शब्द जानते हैं
4:32तो जब परमात्मा एक हैं तो एक समय में
4:37एक ही नोडर लेंगे ऐसा तो नहीं हुआ परमात्मा एक है और एक समय
4:44में कई बार हो सकता है की उसे रूप में अलग प्रकार के
4:51लेकिन एक समय जैसे श्री रामचंद्र जी को भी कहते हैं की
4:57परमात्मा के अवतार है परमात्मा ही को मानते द और परशुराम जी को भी कहते हैं की भगवान के
5:05अवतार है तो यह दोनों का अवतार एक ही समय में कैसे
5:11भुन्या इस समय श्री रामचंद्र से उसे समय और श्याम
5:17जी को भी दिखाते हैं तब तो धनुष जब टूटा
5:22ऊपर उष्मा में जाकर वहां लड़ाई कर दिए और एक भगवान दूसरे भगवान से लड़ाई कैसे कर
5:29सकते हैं अर्थात यह मान्यता गलत है
5:35की परमात्मा देवताओं के रूप में अवतरित होते या कच्छ
5:41वृक्ष में खंडित हो जाता है
5:47लेकिन दुनिया में एक ऐसे भी वर्ग है
5:53जो परमात्मा को मानते ही नहीं उनके अस्तित्व को नहीं मानते देवी देवताओं
6:00को नहीं मानते हैं उनका कहना यह है
6:05की जो हम मीनार को सिर्फ जिसको देख नहीं सकते उसको कैसे
6:13[संगीत] पूछना है की
6:20क्या यार अमेरिका जापान
6:35दूसरी बात गुलाब के फूल में सामग्री होता है इस बात
6:42को मानते हैं आप उसे रंध को देखें जुलाई तो कैसे पढ़ते
6:48हैं इसके अलावा [संगीत]
6:54वायुमंडल में हवा है और उसमें ऑक्सीजन है इस बात को बांधते हैं
7:01आप उसको देखें कैसे मानते अर्थात
7:10ऐसी बहुत सारी चीज
7:18उसका कारण क्या है कारण यह है की इन आंखों की क्षमता [संगीत]
7:24है तो इतना ही दूर तक दे सकते हैं इतना ही सूक्ष्म चीजों को देख सकते हैं
7:31और सीमित जो हर चीज को नहीं दे सकते लेकिन उसका अस्तित्व यहां है
7:38जैसे मैन लीजिए की हर एक के परिवार में पूर्वज होते हैं दादा
7:47प्रदा नहीं है
7:53क्योंकि मानते हैं ना की भाई हमारे दादाजी हैं क्योंकि लगता है
7:59तो चित्रा जब है तो उसके aadharne की यही हमारे दादा जी द इस बात को मानते उनको हम
8:06नहीं देखा उसी तरह से जब यहां मंदिरों में देवताओं की मूर्तियां हैं
8:13या चित्रों में है तो यह ग्रांटेड है
8:24भारी आंखों से नहीं हमने देखा लेकिन वो द इससे सिद्ध होता है
8:30की देवी देवताओं एक ही द परमात्मा द
8:42तो प्रमाण तो मिलेगा और यह सच्चाई को प्रमाण की आवश्यकता नहीं होती
8:50फिर भी लोग मानते हैं ना हम नहीं मानेंगे
8:55तो कैसे सिद्ध होगा तो जैसे
9:00दो शब्द है
9:06अर्थात अगर एक है तो दूसरे के होने की
9:11कारण की है और एक नहीं है तो दूसरा भी नहीं होगा जैसे
9:18मैन लीजिए की दो मित्र हैं बहुत घनिष्ठ मित्र हैं जिनको लंगोटिया याद कहा जाता है दोस्तों
9:24हमारा अंगूर भी आया था बचपन से ही उनकी मित्रता है प्रेम है
9:32और साथ-साथ वो रहते हैं साथ-साथ आना साथ-साथ पढ़ना साथ-साथ खाना पीना सब
9:41साथ-साथ ही करते हैं वो इतने प्रसिद्ध हो जाते हैं की अगर कोई
9:47एक दिखाई दे गया पहले की दूसरा दिखाई यहां से पास होगा
9:52क्योंकि दोनों साथी रहते वैसे ही दोनों जुड़वा बच्चे
9:58जुड़वा बच्चों में भी इतना एकता होता है की अगर एक कुल सर्दी जुकाम
10:05हो गया बुजुर्ग हो जाएगा एक रोएगा तो दूसरा भी रोएगा
10:10तो उसी तरह से वह युवा व्यक्ति स्वयं साथ रखते हैं उनमें से भी अगर कोई एक दिखाई दे गया कहीं
10:17और दूसरा भी होगा कई होगा इस बात को सम्मान के
10:27उसी तरह से अगर कोई बच्चा कहीं दिखाई दे रहा है इंटरनेट ही उसकी उसका पिता भी होंगे
10:36अर्थात रचना है तो रचयिता भी होंगे इस बात
10:41की तरक्की उसी तरह से अगर ये विशाल प्रतिनियुक्ति है
10:49तो उसके रचयिता भी होंगे क्योंकि इतनी बड़ी विशाल प्रकृति का
10:55निर्माण कोई व्यक्ति तो नहीं कर सकता अरे छोटा सा बगीचा या फुलवारी लगाने में
11:01जीवन चला जाता है इतने विशाल प्रकृति का निर्माण जुर्म
11:07परमात्मा ही करेंगे भगवान ही करेंगे इसीलिए
11:12प्रकृति के सुंदर छाता को देकर कहा की रचना इतनी सुंदर वो कितना सुंदर होगा
11:22तो जब ये रचना है तो रचयिता परमात्मा भी है इसे हो जाता है
11:31की है
11:39सदैव रहेंगे क्योंकि वह अजर अमर अविनाशी हैं devtaen भी द
11:47अब बन रहे हैं फिर उनका राज्य होने वाला है
11:54अब प्रश्न उठाता है की यह बात कहां से ए गई
12:00परमात्मा धरती पर और दलित होते हैं इसको आधार होगा की परमात्मा यहां अवतार
12:09लेते हैं कैसे आई बात ए गई तो उसके लिए
12:19गीता ने कहा जिसमें भगवान ने वायदा किया कमी मिड किया की यह इलाही धर्म
12:29की भारत धर्म
12:35में है
12:40दुष्ट कम धर्म संस्थापन अध्याय sambhvani
12:48कहा sambhuvani द्विवेदी मैं यूं ही होंगे avatallit होता है
12:54अब यहां हमने मिस्टेक कर दिया गीता ने कहा कुछ और
13:02और समझा हमने कुछ और क्या मिस्टेक हो गया
13:09तो हमने समझ लिया की हर युग में परमात्मा आपने परमात्मा का होता है ये हमने इसके लिए
13:17जबकि परमात्मा ऐसा नहीं था
13:23[संगीत] मतलब ये होता है
13:30केवल सृष्टि चक्र दृष्टि डालें की पुरी
13:38सतयुग त्रेता द्वापर और कालीन अब इन चारों
13:44जीवन में यू शब्द सिर्फ दो ही युग के साथ लगा हुआ है सतयुग और कलियुग बाकी त्रेता
13:52और द्वापर के साथ द्वीप समूह लगाए ही नहीं तो परमात्मा ने कहा संभवमी युगीन
13:59अर्थात कलयुग और दुबे के बीच में दोनों की
14:04सन्नो पर मैं अवतार लेता लेकिन हमने समझ लिया घरेलू ठीक है
14:13है अगर उनकी बात को मैन लिया
14:24के श्लोक से ही खंडित हो जाता है क्योंकि श्लोक में यह कहा
14:32की जब जब धर्म की गुलामी होती है और धर्म का उत्थान होता है धर्म का प्रथम
14:39होता है तब तो मैं आना
14:44क्यों आते हैं तो दूसरों का संघर्ष करने के लिए और साधु
14:50संतों की रक्षा के लिए और धर्म की स्थापना के लिए और धर्म का नाश
14:58करने के लिए मैं आता यह कहा परमात्मा तो सतयुग और देवता
15:05ये तो स्वर्ग है वहां तन्नो कोई धर्म है और ना कोई अधर्मी है ना कोई पार्टी है ना
15:13कोई दुष्ट है तो वहां परमात्मा के आने की कोई जरूरत
15:18नहीं है एक रात एक घर एक भाषा एक मोटा होता है की
15:29वह विभेद की कोई niyuk टी नहीं मतलब क्यों नहीं आएगा
15:40द्वापर में श्रीकृष्ण के रूप में भगवान होता है
15:48आपका खाना सही है लेकिन श्री कृष्ण के रूप में द्वापर में भगवान
15:55ने अवतार लिया और उन्होंने दिव्या अलौकिक कर्तव्य किए
16:02अर्थात धर्म का नाश किया धर्म की स्थापना किया दोस्तो का संघार किया अगर ये कार्य
16:10किया तो आगे वाला युग तो बहुत ही इसमें सोना चाहिए
16:16द्वापर के बाद जाना चाहिए लेकिन ऐसा हुआ नहीं है अर्थात परमात्मा और
16:23दलित नहीं हुए और अपना किए ही नहीं क्योंकि उसके बाद तो कलयुग ए
16:30गया
16:38तो इसमें द्वापर में परमात्मा का आना भी खंड में आता है
16:44अब मजाक कर रही हूं तो कलयुग में
16:50शुरू शुरू में इतने अनेकता भ्रष्टाचार पापा का नहीं था क्योंकि अगर 50 वर्ष बाद
16:57पीछे ही देखे अगर तो उसे समय ही लोगों में शनि अंत था प्रेम अर्थात योग की भावना थी
17:04चोरी से लोग डरते द पाप कर्म करने से डरते द कोई नहीं करता नहीं था लेकिन धीरे-धीरे
17:13आगे बढ़ाने लगा तो पापा चाहे हंसता चाहिए सारी चीजें की बहुत ही तेजी से होने लगी
17:21तो लोग कहते हैं की कॉलेज को भी बच्चा है
17:27कलयुग का सूर्य हुआ है लेकिन यह उनका भ्रम है
17:33थोड़ा सा बच्चा है
17:38क्या देखते हैं की लोगों की मानसिक विकृति हो गई है
17:47नैतिकता समाप्त हो गई है जिसके कारण आज कोई भी कर्म करने
17:55कोई hichakta नहीं वह ऐसे कर्म कर देते हैं जिसके बारे में
18:02कोई सोच भी नहीं सकता था वह आजकल घटित हो रहा है समाचार में देखेंगे इंडिया रोज बता रहा है
18:09की 2 साल की बच्ची से लेकर 80 90 साल तक की माता का भी
18:18मर्यादा प्रतिष्ठा खतरे में पद गई है आज का समाचार देखिए यही बता रहा है
18:25अर्थात मनुष्य की मानसिक कितनी विकृति हो गई है की नाता रिश्ता सब समाप्त हो गया है
18:36सब कुछ खत्म हो चुका है बहन भाई को नहीं पहचानता पिता पुत्री को
18:43नहीं पहचानता यह आजकल की मानसिकता
18:48और वह बरस है
18:54अरे भाई जो अभी शुरुआत में यह हो रहा है
18:59तो लाखों छोड़िए 100 साल बाद क्या होगा और क्या बात की है की होने पर ए गया
19:07परमात्मा ने कहा की जब पापा से आप भ्रष्टाचार का शर्म हो जाएगा अब इसे क्या
19:12जन्म होगा भाई कोई नहीं बता सकता अब तो अति में भी होती
19:17है आगे कुछ हो नहीं सकता है की ताल्मी
19:25बच्चा नहीं है थोड़ा सा बचा है दूसरी बात
19:30वैज्ञानिक ये कहते हैं की सृष्टि पर जीव को जीने के लिए
19:39वायुमंडल में 33% ऑक्सीजन की मात्रा आवश्यक
19:46और वही वैज्ञानिक कारण है की इस समय वायुमंडल में मात्रा 13% ही ऑक्सीजन बचा
19:53है सारी जंगल कट गए जिससे ऑक्सीजन की पंक्ति होती थी वो स्रोत
19:59ही खत्म हो गया तो aakhirjan घाट गई इसका प्रमाण इसका प्रमाण है की आज सांस की
20:07बीमारी हृदय की बीमारी बढ़ गई हॉस्पिटल में जाते
20:13हैं वो ऑक्सीजन लगा दिया जाता है ये सारी बीमारियां जो की कमी के कारण हो
20:18रहा है सांस लेना है कितनी बातचीत नहीं से
20:25तो हवा वायुमंडल ऐसा नहीं रहा की हम अच्छे से
20:30सांस भी ले सके दूषित हो चुका है इसके अलावा
20:36शरीर में लगभग 80% जल की मात्रा है
20:42आज पानी म्यूजिक हो चुका है वैज्ञानिक कहते हैं की पानी में सैनिक की मात्रा बढ़
20:49गई जो पीने लायक नहीं है इसीलिए घर में आरो रखा गया है
20:59बाहर से बोतल का पानी लेते हैं पीते जिनके पास यह दोनों साधन नहीं है
21:07तो उनको तरह-तरह की बीमारियां हो रही है किडनी फैल हो रहा है लीवर फैल हो रहा है बीमारियों को है
21:14क्योंकि वहां से निकले तो पानी पीना पद रहा है मजबूरी में जीव को
21:21पानी की दूसरी हो गया इसके अलावा
21:28[संगीत]
21:36उसी समय उसके साथ एंटीबायोटिक दावा होते हैं अर्थात बीच का रोपण करते हुए एंटीबायोटिक
21:44शुरू हो गया
21:51प्रयोग करते हैं और यदि दूसरी हो गया
21:56और इसका प्रमाण यह लगभग 50 60 साल पहले जो स्वागत था
22:04और उसे बात नहीं रहा पहले सब्जी भी ना हो तो बच्चे उसमें नामक
22:11तेल लगाकर कोरेची खा लेते द आज सभी अजब दिखाते सलाख भी खाते वो स्वर नहीं
22:20सब जानते ही है वही हाल संधि के साथ
22:26सब्जी में अगर एंटीबायोटिक छिड़काव ना करें इसे भी छिड़काव एन करें तो कीड़े खा
22:32जाएंगे नहीं होगा मजबूरी है किसान क्या करें चिंता करते तो जिस तरह सैनिक से घी मार
22:41जाते हैं वह हम बड़े दिनों को क्या फायदा करेगा अरे मैन में नहीं नुकसान तो करेगा
22:50तो यह अवस्था होंगे फल की भी वही स्थिति है हर में भी अगर छिड़काव एन करें कोई
22:56छिड़काव पूर्व से ही शुरू हो जाता है वो फल भी नहीं रहेंगे
23:02तो जो जीवन के लिए आवश्यक है
23:08वायु प्रदूषित हो गया अनंत उचित हो गया
23:14सब्जियां दूषित हो गई फल दूसरी हो गया सब कुछ हो गया तो ऐसे दूषित आहार पानी
23:25और हवा से जीवन कितने दिन चलेगा भाई कितने दिनों का है यह
23:32तो कहा की बालसन की सोचते हैं पालकी खबर नहीं है अभी गलत क्या होगा पता नहीं और
23:39कौन बनाते हैं अभी प्रयोग के लिए बहुत ही चलेगा लाखों
23:45पर अरे लाखों पीछे लिए इतने दिन चलेगा
23:51ये कलियुग तो आज का वायुमंडल वही हो गया भोजन पानी
23:59हवा ये वही हो गया सांसे लेना मुश्किल है
24:04मानसिक विकृति ए गई है जिसे हम अपने संबंध को भूल चुके उसकी मर्यादा को भूल चुके हम
24:13किसी से अति क्या होगी कोई बता नहीं सकेगा इससे क्या होगा की वो
24:19वर्ग होगा जबकि गिनती कला है जब गिरती कला में एक दम खाई में चला गया
24:25वहां से नीचे कर देंगे भाई तो ये स्थिति है आज
24:33तो कल ही क्या हुआ
24:38करता है यह का अंत है जहां आजकल हम
24:44लोग देखते हैं तीसरी बात हमने प्रकृति का दोहन किया है और प्रकृति
24:52हमसे बहुत गुस्से में है और गुस्सा में है तो अपना भयंकर रूप दिखा रहे हैं
25:01जिसमें लाखों लोग समान है तूफान ए रहे हैं
25:07इसमें हजारों लोग जा रहे लाखों लोग हैं
25:13इसके अलावा तूफान
25:26जा रहे हैं सारे लोग मार रहे हैं
25:31अग्नि का यह हो रहा है आग लग रहा है जंगलों में आग लग जा रहा है घरों में आग
25:37लग रहा है शहरों में आग लग रहा है जल रहा है यह पहाड़ की उत्पत्ति को अपना भयंकर रूप
25:45दिखा एक साथ अटैक की हुई है अब ऐसी स्थिति में सृष्टि जलने वाली है
25:54पांचवी बात इस समय अभी लगभग छह स्थान पर भयंकर युद्ध
26:00चल रहा है यहां गोली बम आदि रोज फुट रहे हजारों लोगों की संख्या में प्रतिदिन है
26:13हमला का तैयारी हो चुका है कब स्विच लगेगा एकदम बम फटेगा और एक साथ लाखों लोग जाएंगे
26:22कोई नहीं है क्योंकि तैयारी होती है की कभी भी वो स्विच ऑन होगा फटेगा
26:28स्टार्ट होगा और एक साथ थोक के भाव में लाखों लोगों की मृत्यु होगी
26:36और फिर भी हम हैं इंतजार करेंगे की कल की भगवान
26:42कल की भगवान के रूप में आएंगे उत्तरी तो होंगे तो अपना दिव्या अलौकिक करेंगे
26:49और कब आएंगे भाई कहीं कोई मालिन बचा है लेकिन हम
26:56ज्ञानी ग्रामीण ब्रह्मेश्वर पड़े हैं और कोई अगर हमें जगत है समझता है तो कहते
27:04हैं की नहीं रही शास्त्रों में तो लिखा है की भाई अभी कोई नट लाखों बरस का है
27:11तो शास्त्र पढ़ते रहिए सोए रही परिवर्तन तो होना सुनिश्चित है और वो परिवर्तन कभी
27:19भी हो सकता है अब का सकते हैं की भाई
27:25अगर यह कलियों का अंतिम चरण ए चुका है और इसी समय भगवान ने वायदा किया की हम आएंगे
27:33भगवान कहां सोए पड़े तो भगवान
27:39सो गए की पुरी सृष्टि समाप्त हो जाएगी उसे
27:45समय जानते रहते हैं और वायदे के पक्के एकदम ठीक समय पर वो जरूर अवतार लेते हैं
27:54और ऑर्गेनिक हो चुके कैसे
28:00तो दादा लेखराज का रथ उनके लिए मुकद्दर है क्योंकि उनका अपना हाथ पैर तो है नहीं
28:05जरूर किसी के रथ का आधार लिंक आधार लेगी तब तो अपना डिक अलौकिक करेंगे
28:14आधार लेकर के वो अवतरित हो चुके हैं और उनका अलौकिक नाम देखते हैं प्रजाति का
28:21ब्रह्मा और वो अपना कार्य कर रहे हैं इस समय स्थापना और विनाश दोनों साथ-साथ चल
28:29रहे हैं इसलिए हम यह भी नहीं इंतजार कर सकते की बिना तो भूल जाए तो स्थापना हो
28:35गया ऐसा नहीं होता की मीणा से हो जाएगा इसलिए परमात्मा यह दोनों कार्य एक साथ कर
28:44रहे हैं स्थापना का और विनाश है तो जो कर रहे हैं तो इस समय इंतजार का
28:52नहीं है इस करना है इंतजाम का अर्थात हम ऐसी व्यवस्था करें की परमात्मा
29:01की छत्रछाया में जाकर हम अपने वर्तमान और भविष्य से उज्जवल करने के लिए श्रेष्ठ
29:09प्रारंभ के लिए कुशल कर देता है क्योंकि अब नहीं तो कब नहीं
29:17यही लास्ट है अब इस समय चल रहा
29:24करके परमात्मा के सानिध्य में जाकर के उनकी छत्रछाया में जाकर के
29:30उनकी द्वारा बताए गए रास्ते पर चल करके हम अपना फेस्ट भाग्य बना सकते हैं क्योंकि
29:38परमात्मा करते हैं की तुम हरे तकदीर की लग रही लग गई खींचने के लिए हमने स्वास्थ्य
29:45का कम तुम्हारे हाथ में दिया और जितना लंबी चाहो kichenge कब जब सुझाव रहेंगे तब ना की सोए
29:54रहेंगे तो खींच लेंगे हम सोए रहेंगे समय कितना नहीं वो अपना कार्य करेगा परिवर्तन
30:01हो जाएगा और नई दुनिया की स्थापना हो जाएगी तब क्या होगा
30:06हमारे पास सिर्फ पछताने के अलावा कोई रास्ता नहीं होगा
30:12सिर्फ और सिर्फ पछतावा ही रहेगा क्योंकि कुछ आर्ट ऑफ समय नहीं रहेगा
30:17जब हम जागे तब तक गाड़ी छूट नहीं रहेगी चलिए हम वही रह
30:24जाएंगे तो इसलिए अब समय का तकाजा है की हम साथ
30:34और आज देखिए की
30:39हम इतने अभी चर्चा हुई की मानसिक विक्रेता होगी हम मनुष्यों को थकते थकते
30:46चीटिंग करते-करते बीट करते करते परमात्मा को भी असुर करती है उनको
30:55वायदा करते हैं की भगवान हमारा यह कम हो जाएगा तो हमको आपको शुद्ध घी का लड्डू
31:02चाहे मैन भी कम हो गया दुकान पर गए तो शुद्ध घी
31:08का लड्डू तो इतना महंगा है भाई
31:19राव किए हैं कितना कम है तो कितना प्लान हो गया चलिए
31:24कोई भगवान खाते हैं [संगीत]
31:30तो क्यों नहीं था की झूठ बेईमानी यह सब भरा हुआ है यह सृष्टि के अंत का लक्षण है
31:40जैसे एक बार एक राजा था
31:47तो बहुत ही संभ्रांत राज्य था उनका तो वह अपने राज्य के विस्तार के लिए अपने
31:55उनकी राज्य के बॉर्डर पर एक नदी थी तो राज्य के विस्तार के लिए उन्होंने नदी
32:03के उसे पार एक भाग में महल बनाने की निर्माणी आदेश दिया
32:09कम चालू हो गया
32:19तो कर्मचारी सूचना दिया की महाराज महल बनकर के तैयार हो गया है
32:24चल करके उसको देख लीजिएगा थैंक यू राजा गए और नदी पार करने के लिए उसे समय
32:31आज के समय से जो संसाधन रही उसी में चुनाव भी चलते द और राजा अकेले में नहीं है की
32:39भाई मंत्री मंत्री कर्मचारी हो गए राजा द तो सब लोग सवाल
32:46जाने के लिए कभी बीच में तूफान ए गया
33:01सब लोग राजा की तरफ देख रहे द भाई सबसे सिस्ट तुम्हारा
33:06जाने के लिए कोई करेंगे तो राजा क्या करें तो जहां अपना सामर्थ्य
33:14समाप्त हो जाता है वहां परमात्मा कहते हैं तो उन्होंने कहा
33:21की ही भगवान ही प्रभु आप बचा लीजिए हम लोग
33:26अगर हम लोग
33:36को भोजन कराएंगे
33:48तो राजा के मैन में स्थल पर आया की लगता है की jaldibaji में हमने कुछ
33:55ज्यादा ही का दिया गलती हो गई तो भगवान तो मैं संकल्प को कैच करते हैं
34:04कोई रूल की बात है सब लोग देखिए कोई तूफान ए गया
34:11फिर ना हिलने लगी आग लगी तब राजा ने कहा ही प्रभु
34:17अरे आपने सच समझ लिया क्या हम तुम मजाक कर रहे द
34:24अरे सद्गुण महामाया बेचकर गरीबों को खिलाएंगे आप भरोसा कीजिए हम झूठ नहीं
34:30बोलेंगे आपसे
34:46दो-दो बार कर चुके द तो उन्होंने महल देखा बड़ा बहुत ही माहौल
34:51था मैन में थोड़ा सोच हुआ की ये नया महान बना
34:58और उसको बेचने की बात का चलिए का दिया है तो का दिया है कोई बात उन्होंने क्या किया
35:05की राज्य में जितने भी samprahan के लोग द
35:11सभी उनके कर्मचारी को नहीं इकट्ठा किया बहुत बड़ी मीठी बोली है
35:17और ऐलान किया की भाई ये महत्व भी नया बनकर तैयार हुआ है मैं इसको बेचना था
35:25लोगों का इरादा क्या हो गया अभी महान बना अभी इतना भव्य महल बना
35:33और यह कहां रहेंगे तभी राजा ने कहा की इसका कीमत ₹100
35:42नया मल बी नहीं की बात करते हैं की ₹100 बचेंगे ये राजा ने दिमाग की गड़बड़ तो
35:48नहीं हो गया तभी राजा ने ऐलान किया
35:57उनको एक बिल्ली खरीदनी पड़ी मल के साथ और बिल्ली की कीमत है ₹5 लाख
36:07भाई मुझे महान बेचकर ना गरीबों को खिलाने के लिए गए द तो बीवी को तो अलग से हो गई
36:18का नाम गया खजाने में
36:26[संगीत]
36:31थकते थकते झूठ बोलते बोलते मानसिक विकृति कर हम भगवान को भी उसी लाइन
36:38में लगाया सोचते कुछ और है समझते कुछ और है यह आज का
36:46समय आज का ताजा इससे सिद्ध होता है
36:58इस धारा पर अवतारी तो हो चुके और वो अपना अधिक कर रहे हैं इस बात को जानकर समझकर हमको
37:07अभी इंतजार नहीं करना है बल्कि इंतजार करना है और अपने पुरुषार्थ में लग जाना है
37:14क्योंकि ये सृष्टि रूपी बांदा कभी भी गिर सकता है परिवर्तन हो सकता है
37:21क्योंकि अर्थ स्थापना और विनाश का कार्य साथ-साथ चल रहा है इसलिए समय नहीं है
37:29इसलिए की यूं नहीं मिला
37:36उसमें अपनी नादानी समस्या दूर नहीं मिला उसमें अपनी नादानी समझिए और
37:44जो मिल गया तो प्रभु की मेहरबानी समझिए जो मिल गया उसमें प्रभु की मेहरबानी समझिए
37:53ओम शांति