अंहकार ! जानिए अंहकार से नुकसान और मुक्ति के उपाय(ओ.पी.तिवारी)
नमस्कार दोस्तों,
आज हम बात करेंगे अहंकार के विषय पर। अहंकार एक ऐसा शब्द है जो हमारे जीवन में अक्सर सुनाई देता है। कभी-कभी इसे आत्मविश्वास का पर्यायवाची माना जाता है, तो कभी इसे घमंड और अहंकार का प्रतीक।
लेकिन क्या सचमुच में अहंकार एक सकारात्मक गुण है?
आइए इस ब्लॉग पोस्ट में हम अहंकार के विभिन्न पहलुओं, इसके नुकसानों और इससे मुक्ति के उपायों पर चर्चा करते हैं।
अहंकार क्या है?
अहंकार का अर्थ है “अपने आप को सबसे बड़ा या महत्वपूर्ण समझना”। यह आत्म-महत्व की भावना है जो हमें दूसरों से श्रेष्ठ महसूस कराती है। अहंकार हमें अपनी उपलब्धियों और क्षमताओं पर गर्व महसूस करा सकता है, लेकिन यह हमें दूसरों को नीचा दिखाने और उनकी भावनाओं को अनदेखा करने के लिए भी प्रेरित कर सकता है।
अहंकार के नुकसान: अहंकार हमें अंधा बना सकता है:
जब हम अहंकारी होते हैं, तो हम अपनी गलतियों को स्वीकार करने और दूसरों से सीखने में असमर्थ होते हैं। हमें लगता है कि हम हमेशा सही हैं, और दूसरों के विचारों और सुझावों को महत्व नहीं देते हैं।
अहंकार रिश्तों को नुकसान पहुंचा सकता है: जब हम अहंकार से ग्रस्त होते हैं, तो हम दूसरों के साथ सार्थक संबंध बनाने में असमर्थ होते हैं। हम हमेशा खुद पर ध्यान केंद्रित करते हैं और दूसरों की भावनाओं और जरूरतों को अनदेखा करते हैं।
अहंकार हमें अवसाद और चिंता की ओर ले जा सकता है: जब हम लगातार दूसरों से खुद की तुलना करते हैं और उन्हें नीचा दिखाते हैं, तो यह नकारात्मक भावनाओं को जन्म दे सकता है।
अहंकार से मुक्ति के उपाय:
आत्म-जागरूकता: सबसे पहले, हमें यह स्वीकार करना होगा कि हमारे अंदर अहंकार है। जब हम अपनी कमजोरियों और गलतियों को स्वीकार करते हैं, तो हम उनसे सुधार करना शुरू कर सकते हैं।
कृतज्ञता: कृतज्ञता का भाव रखने से हमें अपने जीवन में मौजूद सकारात्मक चीजों पर ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है। जब हम दूसरों के द्वारा किए गए अच्छे कामों के लिए आभारी होते हैं, तो यह अहंकार की भावना को कम करने में मदद करता है।
क्षमा: जब हम दूसरों को और खुद को क्षमा करते हैं, तो यह हमें नकारात्मक भावनाओं से मुक्त होने में मदद करता है। क्षमा हमें अतीत से आगे बढ़ने और नए सिरे से शुरुआत करने की अनुमति देती है।
सेवा: दूसरों की सेवा करने से हमें खुद से बड़ा महसूस करने में मदद मिलती है। जब हम दूसरों की मदद करते हैं, तो यह हमें खुशी और संतुष्टि प्रदान करता है।
निष्कर्ष:
अहंकार एक ऐसा गुण है जो हमारे जीवन में नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। लेकिन, आत्म-जागरूकता, कृतज्ञता, क्षमा और सेवा जैसे उपायों द्वारा हम अहंकार से मुक्ति प्राप्त कर सकते हैं और एक खुशहाल और सफल जीवन जी सकते हैं।
यह भी याद रखें:
अहंकार पूरी तरह से बुरा नहीं है। यह हमें आत्मविश्वास और प्रेरणा प्रदान कर सकता है। महत्वपूर्ण यह है कि हम अहंकार को नियंत्रित रखें और इसे अपने ऊपर हावी न होने दें। यदि आप अहंकार से जूझ रहे हैं, तो किसी मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर से मदद लेने में संकोच न करें।
**अगली बार जब आप अहंकार की भावना महसूस करें, तो इन उपायों को याद रखें
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प्रतिलिपि
0:24ओम शांति [संगीत] आज का
0:29हमारा विषय है अहंकार
0:35अहंकार 10 विकारों में से एक है इसलिए इसके बाद जरूरी है
0:52तो जब मैं पान अर्थात मैं
1:01उत्कर्ष पर पहुंच जाता है
1:13दिल अभिमान कर दो अर्थ है एक है
1:20की मैंने जो कहा उसको अभी अभी माना जाना चाहिए
1:26[संगीत] मैंने कोई कम किया अच्छा कम किया किसी का
1:34मदद किया सहायता किया सहयोग किया तो उसके लिए हमको अभी-अभी मां मिलन चाहिए
1:42[संगीत] तो डेड अभिमान सारे विकारों की मां है
1:47जननी है वहीं से निकाल उत्पन्न होते हैं उसमें अहंकार
1:55अब प्रश्न यह है की अहंकार कितने तरह के होते हैं
2:04एक होता है
2:15[संगीत]
2:25तो जब हम डे के महान रहते हैं दे अभिमान में
2:31रखते हैं मैं पढ़ राहत है वह झूठ अभिमान है
2:40इससे उत्पन्न अहंकार भी होता ही होगा और दूसरा जो परमात्मा के सानिध्य में रहते
2:48हैं की मैं 100 शक्तिमान परमपिता परमात्मा का
2:55बच्चा स्वयं हमको पढ़ते हैं और मैं भविष्य के पूछ पर प्राप्त करने
3:03वाला हूं नहीं दुनिया का
3:11[संगीत] पहले कैसे होता है
3:34[संगीत]
3:45हमको यह दर्पण जाता है की हमसे यह आगे निकाल जाएगा आगे हो जाएगा हम पीछे हो
3:52जाएंगे यह हमसे ज्यादा पढ़ेगा हम कम पाएंगे तो वहां भी अहंकार पैदा होता है
4:05जैसे किसी को शक्ति का अहंकार बहुत शक्तिशाली
4:12हमारा बहुत स्वरूप सिंह है तो यह किसी को
4:18ज्ञान का अहंकार किसी को बुद्धि का अहंकार
4:28तो इस तरह से कई प्रकार के अहंकार होते हैं जो सारे अहंकार दुख देने वाले ही
4:36कभी-कभी अहंकार सुख भी देता है
4:48[संगीत] अपने से कम ज्ञान वाले को देखा है अपनी
4:55संवेदन को देखा है एक सुकून मिलता है [संगीत]
5:05लेकिन वही अहंकारी जब अपने से आगे देखा है
5:11[संगीत]
5:20इसलिए ज्यादातर यह विमान देते हैं सुख तो
5:26क्षण भर के लिए क्या है
5:41की कभी-कभी हम अपने से श्रेष्ठ
5:47अपने रचयिता को भी भूल करके चैलेंज कर देते हैं
5:57जब हम रहते हैं तो हम अपने से आगे वाले का मुकाबला करते हैं
6:06[संगीत]
6:12लेकिन वैसा ही हम बैंड कर दिखाएंगे
6:17अपनी क्षमता क्षमता अनुसार हम ठीक है प्रगति करें उन्नति करें उसके लिए पुरुषार्थ करें ना की किसी से मुकाबला
6:34इतना बड़ा होगा इससे बड़ा मेंढक नहीं होता
6:40ऐसे ही रास्ते पर छल कूद कर रहा था मस्ती में था
6:47तभी उसने देखा की एक हाथी इस रास्ते से ए रहा है
6:54[संगीत]
7:05[संगीत]
7:24नीचे का चुडा देंगे
7:33तो कहा क्या महारथी जैसा बंधन दिखाएं
7:39मिथ्या हनुमान जागृत हुआ
7:53[संगीत] तो देखा की एक साइकिल की दुकान पंचर बनाने
8:00वाली उसमें देखा की इतना [संगीत]
8:07मोटा हो गया [संगीत]
8:52अरे भाई [संगीत]
9:00अपना कम करो [संगीत]
9:34[संगीत] तुम हाथी तो नहीं बनोगे
9:42[हंसी]
9:50की खुद नहीं जानते हैं और दूसरों के मानते भी नहीं [संगीत]
10:00आई लेकिन दूसरे के मरना तो चाहिए का रहा
10:05है उसके बड़े में सोच समझे उसको मैन ही माना लिफाफा
10:12गुस्सा ए गया कितनी है कुंभ महाराज खत्म हो गया
10:26खत्म हो गया मिट्टी हो गई तो इस तरह से
10:31अहंकार जिसको भी राहत है उसको हनी की पहुंचना है
10:37इसीलिए इसको
10:43आता
10:49कोई और है और हमको लगता है
10:57और कभी कभी ऐसा संयुक्त बन जाता है की उसकी यह धरना पुष्ट हो जाति है
11:11और हम कार्तिक हो जाता है की देखिए इतना बड़ा कम इतना कठिन था मैं कर रहा है
11:19तो एक बार क्या हुआ की एक बैलगाड़ी बैलगाड़ी थी [संगीत]
11:25गाड़ी पर समाज लगा हुआ था एक कुत्ता दोनों बहनों के बीच में चल रहा था
11:33चलते-चलते किसी ने कहा की अरे कुत्ते तुम बैलों के बीच में है जो अरे पहले कहानी
11:41पैरों पद गई तू घायल हो जाओगे [संगीत]
11:52[संगीत]
11:58[संगीत]
12:08[संगीत]
12:22आपसे जो की बात है [संगीत] की नहीं चलती
12:29[संगीत]
12:41गाड़ी तो मैं ही अब तू ही संजू की बात है
12:47लेकिन संयुक्त ऐसा संयुक्त अहंकारी के सामने ए जाता है उसका अहंकार और
12:54यथार्थ उसको लिखना है क्यों क्योंकि अपना अहंकार दिखाई नहीं
13:04देता जितना हमें दूसरों का अधिकार दिखाई देता है अगर अपना अधिकार दे दे
13:15[संगीत] किसी किसी को फोन कर देता हूं मैं बहुत
13:21सुंदर मैं सुंदर हूं
13:32अब इस पर अहंकार करना [संगीत]
13:42था
13:48उसमें काली थी और उसके पास ही एक पत्थर पड़ा हुआ था
13:54काली हवा के झोंके से झूठ रही थी मस्त थी पत्थर क्या करेगा
14:00[संगीत] पत्थर
14:06देखो मैं कितनी सुंदर हूं
14:27[संगीत]
14:36[संगीत]
14:43मूर्तिकार गुजरात तो उसकी नजर पत्थर पर मूर्तिकार की पाखी नजर
15:12[संगीत] उसका अहंकार और
15:19देखते देखते सर हो गई और शाम को उठाते होते वो पत्थर एक सुंदर मूर्ति में
15:26परिवर्तित हो गया
15:45[संगीत]
15:52स्मृति को उठाया और मंदिर के पर गया हुआ टेस्टी लोग थे
15:58तो मूर्ति में इतनी सुंदरता थी तराशा मुक्तिकर ने इसमें को पसंद ए गया
16:15[संगीत]
16:40[संगीत]
17:10तब उसे पत्थर मूर्ति बना पत्थर में कहा गया है फूल तुम कितने अहंकार में थी की मैं बहुत
17:18सुंदर हूं सुगंध है सब लोग हमारी तरफ देखते हैं आकर्षित होते हैं लेकिन देखो
17:24अपनी हालात आज तुम मेरी चरणों में पड़ी
17:33और उसे फूल का अहंकार चला गया समय कब क्या कर देगा की किसी को पता नहीं
17:41[संगीत] अब यह अहंकार इतना प्रबल होता है
17:48की कभी-कभी हम अपने रचयिता को भी चैलेंज कर देते हैं
17:55[संगीत]
18:03समझना की उसमें कोई क्षमता नहीं रहती
18:21इसी तरह से एक बार एक बहुत बड़े महात्मा सिद्ध पुरुष
18:26थे तो जंगल में कुटिया चीन की छोटी सी में
18:32बैठकर तपस्या करते थे
18:37[संगीत] उसमें राहत था
18:56[संगीत]
19:14[संगीत]
19:27[संगीत]
19:39कुछ ही नहीं
19:56अब कब तक हम इसकी देखभाल करेंगे [संगीत]
20:12[संगीत]
20:42तो उसको चाहिए था की महात्मा जी ने हमको छोटे चूहा के बच्चे से इतना बड़ा विशाल का
20:49एक शेर बनाया है तो उनका एहसान बैंड होना चाहिए
20:55और जानवरों से रक्षा करनी चाहिए
21:05मैं कुछ भी कर सकता हूं और कहा की महात्मा जी अब तो मैं आप ही ग खाऊंगा
21:14जब की महात्मा ज्योति बनाया
21:42[संगीत]
22:01और अहंकार दुनिया में बहुत सारे अधिकारी
22:09[संगीत]
22:18[संगीत] उसके अंदर दो
22:27प्रबल अधिकारी
22:32[संगीत]
22:53[संगीत]
23:09एग्जांपल था आज फिर उसके दृष्टि में भगवान
23:19रहते थे और मस्ती में तपस्वी रूप धर्म का
23:27रावण
23:32[संगीत] पर जो है बर्फ पे बैठे हुए
23:39उसमें जाग्निशन भी नहीं किया है प्रभु आप लंका में चाहिए हमारे पास
23:50कर देंगे
24:01[संगीत]
24:16[संगीत]
24:26याद में उनका भजन करने में है दुनिया के सारे सुख झूठ हैं मिथ्या है वो सपना है
24:36ऐसे महादेव को उसने रॉक दिया की हमारे राज्य में चलिए मैं आपको सारे शुक्र डोंगा
24:43व्यवस्था बनेगा
24:51उन्होंने माना कर देना मैं यही थी अब रावण का
24:57जागृत हो गया ताकि मैं बहुत साड़ी हमारी बात नहीं मानते हैं
25:05उसने सोचा की मैं इनको
25:17कैलाश सहित
25:25[संगीत]
25:35[संगीत]
25:43समझ गए मुस्कुराए और अपना जो आज ही पाजी
25:52थोड़ा सा नीचे किया बाहर से टच हुआ पहाड़ नीचे ढाबा और
26:01डब गया पहले तो उसने पूरा ताकत लगा की मैं अपना हाथ निकाल
26:18जाएगा जब गम तक गया हर गया
26:42के होता है और तब उसको उतार के अंदर
26:55हूं और अपना पर उठा करके आरती भारती मां ली
27:01बाहर हल्का हुआ
27:21[संगीत]
27:27है अगर हम नहीं करेंगे तो
27:33तो [संगीत] इस दिन कहा [संगीत]
27:38की प्रभु आपकी कृपा से सब कम हो रहा है करते हैं आपके बाबा मेरा नाम हो रहा है
27:46जानकारी
28:08जब हुआ वृष्टि होने लगा और लगा की अब वह गांव
28:15बा जाएगा बाहर ए गया तब श्री कृष्णा ने गोवर्धन पर्वत को उठाया अपनी उंगली पर
28:30[संगीत] ए गया देखिए हमारी कितनी ताकत उठा लिया
28:44[संगीत]
29:02[संगीत] क्या
29:09[संगीत]
29:18संसाधन चकराना शुरू हो ऐसा ही होता है
29:24[संगीत] की मैं ही कर रहा हूं मैं नहीं करूंगा जो
29:31होगा नहीं अरे भाई हमारी औकात क्या है क्योंकि हम अपने
29:38[संगीत] तो किसी को धन का अहंकार भी हो जाता है
29:54कहां से किसने दिया तो उनका अहंकार
29:59किया है मैंने मेहनत किया है [संगीत]
30:05अरे मेहनत करते हैं
30:11[संगीत] उनको भूल करके
30:19हमने पैदा किया है तो इसी तरह से
30:26दीजिए
30:31तो आम तोर पर कोई अनुष्ठान होता है वैसे कोई मूर्ति पूजा जैसे दुर्गा जी का वास
30:38सरस्वती जी का हुआ हनुमान जी का गणेश जी का हुआ तो बच्चे इसमें उत्साहित रहते हैं
30:46तो चंदा इकट्ठा करते हैं बच्चों के पास धन तो है नहीं वो क्या करते हैं उनसे उनसे मांग करके पैसा इकट्ठा करते हैं और वो
30:54अपना नुकसान तो इसी कम में बच्चों ने एक आयोजन किया
31:00भाई समय हम हम लोग भी दुर्गा जी का पूजा करेंगे तो जब भी कोई ऐसी
31:06स्थिति आई समय आई थी तो सरपंच सबसे धनवान के पास जाकर क्योंकि उम्मीद थी की भाई
31:14धनवान है तो ज्यादा देंगे और लोग थोड़ा था अभी देंगे तो हो जाएगा
31:20लेकिन सरपंच [संगीत]
31:32[संगीत]
31:43बन जाता है तो सबसे छोटा बच्चा
31:51आते हैं क्योंकि भगवान ने आपको देने लायक बनाया है इसलिए हम आपके पास आते हैं लेकिन
31:59आज पता चला भगवान ने तो आपको फ्लैग बनाया लेकिन आप
32:05देने के लायक नहीं है और अंडा हम लोग आपके पास नहीं आएंगे अपना धन अपने पास रखें हैं
32:15किसी कम ना आए तो छोटे बच्चे ने ऐसा कहा
32:21टी थी
32:40क्योंकि कोई अगर देता है समय पर संयुक्त कर देता है कोई ₹100 भी
32:47देता है तो जाता देता है
32:53तो मैंने तुमको ₹100 का सहयोग किया और लेकिन वाला भी आसन होता है की हम किया
33:04[संगीत]
33:09है और अपना पाठक नहीं देखते
33:16उनका होना चाहिए किसी व्यक्ति से हम क्यों रखें क्योंकि हर वह भी खाली हैं दादा तो
33:24एक वही है अब कहते हैं की भाई ठीक है प्रभु प्रेम
33:33होना चाहिए तो कहते हैं की बंद लो प्रभु को
33:41सांसों के तार में दिल में बस लो बुला लो सरकार में
33:52हम जैन उन्हें प्यार में
33:57[संगीत] हम ऐसा क्यों कहा मिलेंगे
34:28कौन-कौन सी चीज पहले अहंकार और दूसरा
34:36है प्रभु से दूर रहते हैं लेकिन जो
34:44जुड़ जाते हैं नजदीक ए जाते हैं इसलिए अगर परमात्मा को बांधना है
34:50अपनी प्रेम पास में तो अहंकार और मुंह से अलग है
34:56महाभारत में क्या दुर्योधन को अहंकार
35:04इसलिए हमने कहा की मैं उनको सी के मुख्य बराबर
35:16[संगीत]
35:26कुछ भी करता है
35:36और जहां से परमात्मा दूर बजाते हैं कैसे होगी हां सुनिश्चित है
35:53जब महाभारत का युद्ध समाप्त हुआ
35:58तो अर्जुन को भी हानिकारक है
36:08श्री कृष्णा तो उनके साथ की थी उनको लगा दिया
36:19[संगीत]
36:31[संगीत]
36:59क्या बात है भाई तो उतार गया
37:09भयंकर विस्फोट हुआ
37:23श्रीकृष्ण की वजह से सुशीलतावस्था में थी तभी लिखी
37:29और अपना कम कर गए बिस्कुट हो गया
37:35तब अर्जुन का अहंकार चर हुआ
37:47है
37:59[संगीत]
38:22तो नहीं और उन्हें बनाया [संगीत] हमारी
38:45वो विष्णु जी के भक्ति थे राधे नारायण करते रहते थे और यहां से वहां घूमते रहते
38:52थे [संगीत]
39:29[संगीत] लोगों ने बताया की भाई यहां के राजा या
39:36तुम्हारी इस मोहिनी है जिनका स्वयंवर होना है और इसीलिए भीड़ इकट्ठा हुए जलसागर हमला
39:43रहा है
39:51उनका ए गया की भाई शादी करूं
40:01[संगीत] कहां गए आपका प्रवचन
40:09[संगीत]
40:21है
40:35[संगीत]
40:43अगर उनका रूप हमको मिल जाए तो गारंटीड है की ये राजकुमारी हमको ही भरेगी
40:50[संगीत] गए विष्णु जी के पास
41:01तो कहा की न खादिम का क्या करूं [संगीत]
41:09आप हमारी इतनी सी आशा पूरा नहीं करेंगे तो कहा की तुमको हरि मुख चाहिए तो हम हरि
41:17मुख चाहिए हमने यह नहीं कहा की आपका दुख चाहे [संगीत]
41:36[संगीत]
41:43[संगीत]
41:59राजकुमारी तैयार
42:07राजकुमारी गुर्जर गई
42:26हमें लेकिन फेक दिया फिर आगे बाढ़ गई भाई
42:39लोग देख रहे थे
42:52[संगीत]
43:01[संगीत]
43:10गए थे प्रभु आपने क्या किया मैं आपका मुकाम ए गया
43:21तुम हरि मुख मांग रहे थे हमें देखें
43:30तो इस तरह से अभिमान अहंकार
43:36घटक ही होता है चाहे वो किस तरह से भी हो
43:45तो ज्ञान किसी को ज्ञान कहते हैं
43:54[प्रशंसा] [संगीत]
44:12[संगीत]
44:21सर कोई उपलब्धि प्राप्त है तो उसका हमको सद्कयुग करना ही चाहिए लोगों के कल्याण के
44:28निमित्त उसको प्रयोग करना चाहिए तो इसी तरह से एक डॉक्टर थी डॉक्टर चढ़ता
44:38है जी रोगी को ठीक हो जाता
44:45लेकिन उनकी आदत थी और टाइम के बाद पहुंच चुका है ठीक होना सही है कोई बात नहीं
44:53लेकिन अगर कोई भी बड़ी स्थिति ए जाति है तो थोड़ा लिवर होना चाहिए
44:59आप किसी की जान जा रहे हैं वह हम कहानी भी बड़े जाएंगे
45:20[संगीत]
45:28[संगीत]
45:39है तो उन्होंने कहा की देखिए बहुत ज्यादा बुखार है कालका की नहीं बजेगा रात में ही
45:45मा जाएगा कृपया आप इसको देख लीजिए इलाज ठीक हो जाएगा बच्चे
45:50बहुत बूढ़े ने अन्य विनय किया लेकिन डॉक्टर साहब को अंगार था अपने ज्ञान पर
45:56अपनी उम्र और आसपास कोई दूसरा डॉक्टर भी नहीं
46:03वही एक डॉक्टर ने उनकी तरह सिफारिश अन्ना भी नहीं करने
46:09के बाद भी उतना दिस मानसून भी बैंड की हो चले
46:14बच्चे को लेकर घर आए
46:19[संगीत]
46:36[संगीत]
46:49[संगीत] एक दिन उसका जन्म दिन था
46:56जन्मदिन में भाई डॉक्टर के लड़के का जब जन्म दिन है तो बड़े-बड़े लोग इकट्ठा हुए
47:03जलसा हुआ खूब पैसा खर्च हुआ सब लोग इकट्ठा
47:09बाद निकाल गई और उसके दोस्तों ने कहा की ऐसा है [संगीत]
47:16की तुम प्लेट हो ना उसके दांत तुम तोड़ देते होंगे जारीलते होंगे
47:23हम नारा ए गया शाम को रखेंगे
47:30[संगीत] तब तुम उसको रखते हो गया
48:07अपने सुरक्षा के लिए [प्रशंसा]
48:14[संगीत]
48:21[संगीत] डॉक्टर
48:31इलाज किया लेकिन कोई पहचान नहीं
48:44[संगीत]
48:55ईरान किया मिलेगा
49:03[संगीत]
49:21उसे बूढ़े के पास सिद्ध मंत्र जिसे में बहुत सारे सांप को बच्चा चुका था
49:28सिद्ध मंत्र था उसके पास
49:34नहीं किया बच्चा हमारा मा गया उसने हमारे बच्चे का हत्यारा है हम नहीं जाएंगे
49:41रात हो गया रात हो गया तो सोनी चला गया वो हमारे
49:47बच्चे का हत्या कर दिया करो इलाज किया हो तो ठीक होता
49:52लेकिन जिनकी पास गन होता है कन्फ्यूजन विद्या होती
49:58है उसका ये हर्ष बंता है की अगर पढ़ा गया तो जाकर उसका
50:06डॉक्टर ने इसके पश्चात अच्छा गौहर नहीं किया था एक पति पत्नी दोनों
50:26[संगीत] बच्ची को मार दिया
50:33[संगीत]
50:38कुछ डर बाद पत्नी
50:44[संगीत]
50:53[संगीत]
50:58से लाल रहे थे गया
51:07वो ग रहा है की हम आपका ही देखें
51:20[संगीत]
51:29हमारे पास करो
51:47एक घंटा लगातार मेहनत करने के बाद उसे बच्ची को खुश ए गया
51:54चंद्रभूषण
51:59हो गया [संगीत]
52:17नहीं गया था
52:24प्रशांत के बेचैन की भाई कहां है
52:31उन्होंने गाड़ी उठाया [संगीत]
52:39[संगीत]
52:49हूं ठीक कर दूंगा लेकिन अपने बच्चे का इलाज
53:14[संगीत] पैसा क्या करें
53:19[संगीत] बहुत शर्मिंदा हुए बहुत उन्होंने उनका
53:25मनाया बहुत झुकी पैरों पर लेट है
53:30तब वो पूरे विभाग की ठीक है आप जाइए आपका कम हो गए तो
53:37अहंकार नहीं जाता है
54:06[संगीत] की भाई हमेशा क्या करें
54:14की अहंकार से हम छठ जाए लेकिन अहंकार से तभी छूटेगा जब अहंकार का
54:24दिशा होगा
54:29[संगीत] लेकिन उसकी विशेषता थी वह
54:37मासूम की नहीं है नहीं होना चाहिए
54:50तब वो एक सिद्ध पुरुष के यहां गया महात्मा जी के पास और कहा की देखिए गुरु जी
54:57मैं चाहता नहीं हूं की रहे यह कैसे दूर होगा
55:22आशीर्वाद मिलेगा ताकि हमारी ठीक है
55:27[संगीत] दूसरों की मानते हैं
55:32[संगीत]
55:39प्रणाम करता है प्राण करता है [संगीत]
55:51[संगीत]
55:57प्रणाम करते करते [संगीत] निरंकारी हो गया
56:15[संगीत]
56:40तो इसके लिए [संगीत] हम अपने आप को देखें
56:48[संगीत]
56:59तो हम क्या हैं
57:10[संगीत]
57:47[संगीत]
57:54अपने दिल को मिला डाला तब तक श्री कृष्णा उनके साथ रहे अंग
58:01संग्रह क्योंकि भगवान उनके साथ थे
58:07लेकिन जो अपने समदड़ी का अहंकार आया की हम इतने सुंदर हैं तब तो श्री कृष्णा
58:14हमारे साथ हैं
58:48कोई बात की मांझी भर की देखा एन कोई बात की
58:58सदा कम ना थी मुलाकात की
59:04यही आरती की मुल्तानी से होती है तो जो परमात्मा से भी छोड़ जैन अहंकार के
59:12करण और विभिन्न की फैमिली
59:18[संगीत]
59:30[संगीत]
59:36हमको प्रधान किया है हमारा है नहीं ए जाएगी की हमारा है ही नहीं तो
59:47आता है
59:53[संगीत] हमारा क्या है भाई कुछ नहीं है
1:00:00[संगीत]
1:00:31एक बार पृथ्वी श्री कृष्णा बहुत बड़े भक्ति थे
1:00:36तो उसे भक्ति के बहुत अनुनय विनय करने पर श्रीकृष्ण उनके घर जान के तैयार साथियों
1:00:56की बहुत बड़ा महान उनका बहुत बड़े महल में राहत है
1:01:05[संगीत]
1:01:23[संगीत]
1:01:39पर तुम्हारा क्या है तब उसने
1:01:58अगर सब कुछ उनका है हमारा कुछ नहीं
1:02:05रखें तो हमारा अहंकार दूर हो जाएगा
1:02:11और ही कैट खटक है इतिहास में कोई ऐसा अहंकारी नहीं है जिनका
1:02:19विनाश नहीं हुआ इनका नुकसान नहीं हुआ इसलिए कहा की अहंकार में तीन हो गए
1:02:31[संगीत]
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